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बता दें कि करीब 49 मीटर लंबा और 450 टन वजनी जीएसएलवी तीन चरणों वाला रॉकेट है। इसमें पहला चरण ठोस ईंधन, दूसरा चरण तरल ईंधन और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है। जीसैट-9 को दक्षिण एशियाई देशों के कवरेज क्षेत्र के साथ कू-बैंड में विभिन्न संचार अनुप्रयोगों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है।
इसरो ने कहा है कि जीसैट-9 मानक प्रथम-2के बस के तहत बनाया गया है। उपग्रह की मुख्य संरचना घनाकार है, जो एक केंद्रीय सिलेंडर के चारों तरफ निर्मित है। इसकी मिशन अवधि 12 साल से ज्यादा है।
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