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15 साल में पहली बार धरती का मंगल ग्रह के इतने करीब आना अपने आप एक यादगार खगोलीय घटना है। लेकिन 2003 में दोनों ग्रहों के बीच की दूरी 56 मिलियन किलोमीटर थी। नासा की मानें तो 60,000 साल में पहली बार मंगल और धरती इतने करीब आए थे और ऐसी परिस्थिति फिर 2287 में हो सकती है।
ऐसा क्यों होता है?
अन्य ग्रहों की तरह पृथ्वी और मंगल अंडाकार कक्षा में घूमते हैं। जब मंगल ग्रह अपनी कक्षा में सूर्य के निकटतम बिंदु पर होता है, तब पेरीहेलिक ऑपोज़ीशन होता है। ऐसी परिस्थिति 27 जुलाई 2018 को बनी, यानी चंद्र ग्रहण की रात। उस समय, दोनों ग्रहों के बीच की दूरी आज की से अधिक थी। लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि धरती के सबसे नज़दीक होने का मतलब यह नहीं है कि यह सबसे चमकीला भी होगा। वास्तव में, ग्रह की सबसे अच्छी दृश्यता 27 जुलाई से 30 जुलाई तक होने का अनुमान था।
कहां से मिलेगी इस अनोखे खगोलीय घटना की झलक
धरती को मंगल के इतने करीब देखने की सबसे बेहतरीन जगह दक्षिणी गोलार्द्ध है। इसका अर्थ है कि भारत इस दिव्य घटना के लिए सबसे अच्छे स्थान पर नहीं है। हालांकि, दृश्यता बहुत खराब नहीं होगी। अनुमान लगाया गया है कि यह ग्रह भारत के सभी हिस्सों से आसानी से दिखाई देगा। लेकिन ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका या दक्षिण अमेरिका वाली बात नहीं होगी। ग्रह को देखने के लिए आपको एक बड़े लेंस (आकार में 6 से 8 इंच) वाले एक दूरबीन की आवश्यकता होगी। इसके बावज़ूद बादल बाधा डाल सकते हैं।
यदि आप ऑनलाइन ही मंगल को धरती के सबसे नज़दीक देखना चाहते हैं, तो आप YouTube लाइव स्ट्रीम पर भी घटना को देख सकते हैं। नासा की ग्रिफिथ वेधशाला इस खगोलीय घटना को लाइव स्ट्रीम करेगा। आप चाहें तो इस आर्टिकल में इंबेड किए गए वीडियो पर प्ले बटन दबाकर स्ट्रीम लाइव देख सकते हैं।
मंगल ग्रह और पृथ्वी के बीच लंबे समय तक दूरी कम रहेगी। आप सूर्यास्त के बाद से और सूर्योदय होने तक इस दृश्य को देख पाएंगे।
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