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यह बादलों के पार देख शार्प तस्वीरें खींचने में भी सक्षम है। ISRO का कहना है कि सैटेलाइट का उपयोग कृषि, फॉरेस्ट्री और डिजास्टर मैनेजमेंट गतिविधियों के लिए किया जाएगा। RISAT-2BR1s स्ट्रैटेजिक यूटिलिटी को लेकर फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है।
बता दें कि लॉन्च होने के लगभग 16 मिनट में सैटेलाइट आरआईएसएटी-2बीआरआई1 (RISAT-2BR1) को स्थापित किया गया और एक मिनट बाद 9 सैटेलाइट इजेक्ट हुई। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि वह विभिन्न एजेंसियों के लिए आवश्यक इमेज़ की आपूर्ति करेंगे जो अपनी जरूरत के अनुसार इनका उपयोग करेंगे।
भारतीय सैटेलाइट अपने साथ चार देशों के 9 उपग्रहों-अमेरिका (मल्टी-मिशन लेमूर- four सैटेलाइट्स, टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन टायवाक-0129, अर्थ इमेजिंग 1हॉपसैट), इजरायल (रिमोट सेंसिंग डुचिफैट- 3), इटली (सर्च एंड रेस्क्यू टायवाक-0092) और जापान (क्यूपीएस-एसएआर-रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जरर्वेशन सैटेलाइट) को भी लेकर गया है। अब तक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने 310 विदेशी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है और अब 11 दिसंबर को मिशन सफल होने के बाद यह संख्या 319 तक हो गई है।
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