चीन बना रहा है खुद का सूरज, 16 करोड़ डिग्री सेल्सियस पहुंचाया तापमान

Spread the love ~ to Share other Platforms

[ad_1]

चीन के एक्सपेरिमेंटल एडवांस्ड सुपरकन्डक्टिंग टोकामक (EAST) ने एक लेटेस्ट एक्सपेरिमेंट में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रयोग में इसने 101 सेकेंड के समय तक 216 मिलियन फॉरेनहाइट यानि कि 120 मिलियन सेल्सियस का प्लाज्मा तापमान बनाकर रखा। इतना ही नहीं, “कृत्रिम सूर्य” पर काम कर रहे वैज्ञानिक 288 मिलियन फॉरेनहाइट (160 मिलियन सेल्सियस) का तापमान 20 सेकेंड तक बनाए रखने में कामयाब हुए।  

हेफई के इंस्टीच्यूट ऑफ प्लाज्मा फिजिक्स ऑफ द चाइनीज़ एकेडमी ऑफ साइंसेज (ASIPP) में स्थित टोकामक डिवाइस को परमाणु संलयन प्रक्रिया को रिप्रोड्यूस करने के लिए डिजाइन किया गया है। यही प्रक्रिया सूर्य और अन्य तारों में भी घटित होती है जिससे उष्मा और प्रकाश उत्पन्न होता है। यह प्रयोग नियंत्रित न्यूक्लियर फ्यूज़न के द्वारा असीमित स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध करवाने हेतु किया गया था। इससे पिछला रिकॉर्ड 180 मिलियन फॉरेनहाइट (100 मिलियन सेल्सियस) को 100 सेकेंड तक बनाए रखने का था जो कि अब टूट गया है। न्यूक्लियर फ्यूज़न के साथ काम करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। 

शेनझेन की साउदर्न यूनिवर्सिटी और साइंस एंड टेक्नोलॉजी के फिजिक्स डिपोर्टमेंट के निदेशक ली मीयाओ ने ग्लोबल टाइम्स से एक बयान में कहा, “चीनी वैज्ञानिकों का यह प्रयोग लम्बे समय तक एक स्थिर तापमान बनाए रखने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।”  

New Atlas की एक रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिक फिलहाल इस तरह के रिएक्शन को ट्रिगर करने के मकसद से उपकरणों की व्यापक किस्मों पर कार्य कर रहे हैं। मगर विशेषज्ञों का कहना है कि EAST जैसी डोनट के आकार की टोकामक डिवाइस काफी भरोसेमंद हैं। इस डिवाइस में चुम्बकीय कॉइल की एक सीरीज होती है जो कि उच्चतापमान वाली हाइड्रोजन प्लाज्मा को अपने स्थान पर रिएक्शन होने तक होल्ड करके रख सकती है। 

चीन का “कृत्रिम सूर्य” प्रयोग इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) का ही हिस्सा है। यह एक ग्लोबल साइंज प्रोजेक्ट है जो कि विश्व का सबसे बड़ा न्यूक्लियर फ्यूज़न रिएक्टर होगा जब यह 2035 में परिचालित होने लगेगा। इस प्रोजेक्ट पर चीन, भारत, जापान, साउथ कोरिया, रूस और यूएस जैसे 35 देश काम कर रहे हैं। न्यूक्लियर फ्यूज़न घटित होते समय उसके साज के लिए 100 मिलियन सेल्सियस तापमान को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। सन् 2020 में कोरिया के KSTAR रिएक्टर ने 20 सेकेंड तक 100 मिलियन प्लाज्मा तापमान बरकरार रखते हुए एक रिकॉर्ड बनाया था। ऐसा माना जाता है कि सूर्य के अन्तर्भाग में 15 मिलियन सेल्सियस का तापमान रहता है। इसका अर्थ यह निकल कर आता है कि (EAST) द्वारा उत्पादित तापमान सूर्य के तापमान का भी 7 गुना है। 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

[ad_2]
Source link


Discover more from Dhakadsahab.com

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

error: Content is protected !!

Discover more from Dhakadsahab.com

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading