[ad_1]
फर्मंटेशन की मदद से यह कारनामा किया जाएगा। कंपनी ने बताया कि कैसीन प्रोटीन सबसे मुख्य संघटक होता है और गाय के दूध में यह मुख्य डेयरी प्रोटीन होता है। इसी वजह से दूध के प्रोटीन में 80 प्रतिशत योगदान कैसीन का ही होता है।
New Culture कि वेबसाइट पर कंपनी ने बताया है, “यह mozzarella अब तक के सभी mozzarella से अलग होगा मगर पहचान में लगभग समान ही होगा। इसका स्वाद, बनावट, पिघलन और खिंचाव भी समान रहेगा। मगर इस सबसे अलग यह पशुमुक्त, लैक्टोज़मुक्त और ग्रहानुकूल होगा। चीज़ बनाने की प्रक्रिया में कैसीन प्रोटीन ही मुख्य कारक होता है क्योंकि इसके लिए गाय के दूध की दही बनाई जाती है और अधिकतर चीज़ उसी से बनता है। कैसीन प्रोटीन डेयरी चीज़ को लज़ीज स्वरूप प्रदान करता है जैसा कि mozzarella का प्रसिद्ध मेल्ट और स्ट्रैच होता है।”
न्यू कल्चर के सह-संस्थापक मैट गिब्सन का कहना है कि चूंकि सटीक फर्मेंटेशन के द्वारा कैसीन प्रोटीन बनाना बहुत मुश्किल है, तो उनकी टीम और कंपनी ने पिछले 18 महीनों में कुछ बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। Food Navigator को दिए बयान में उन्होंने कहा, “हम कैसीन प्रोटीन की एक पूरी रेंज बना रहे हैं और हमने कैसीन मिसेल्स को दोबारा से बनाने और हर तरह के पशुमुक्त कैसीन का उत्पादन करने में महारत हासिल कर ली है। “
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर ये भी कहा है कि फर्मेंटेशन प्रक्रिया के दौरान उसने एक खाद्य उत्पाद को दूसरे में बदलने के लिए सूक्ष्मजीवों की क्षमताओं का उपयोग किया। “उदाहरण के लिए दूध को पनीर में बदलते समय, भूखे सूक्ष्मजीव दूध में प्राकृतिक प्रोटीन और शर्करा को पचाते हैं, जिससे पनीर बनता है। हम अपने सूक्ष्मजीवों को फर्मेंटेशन टैंक में रखते हैं, उन्हें चीनी खिलाते हैं, फिर बदले में उनके द्वारा बनाए गए कैसीन को इकट्ठा कर लेते हैं।”
हमारी टीम पशुमुक्त कैसीन प्रोटीन को कुछ अन्य सामग्री जैसे पानी, वसा, नाम मात्र चीनी, विटामिन और खनिजों के साथ मिलाकर बहुत उम्दा चीज़ बनाती है। हमारी कंपनी पौधों से प्राप्त वसा जैसे कि नारियल तेल. सूरजमुखी का तेल और कैनोला के तेल का प्रयोग करती है। इतना ही नहीं, हम केवल पौधों से प्राप्त शर्करा जैसे कि मकई से ग्लूकोज तथा बीजों और अनाज से माल्टोज का प्रयोग करते हैं। हम इसमें पोष्टिक खनिज और विटामिन जैसे कि कैल्शियम, फॉस्फेट, विटामिन ए और विटामिन बी भी मिलाते हैं।
Source link